यहूदियों के लिए पुस्तक 1
यीशु मसीह की उत्कृष्टता
हिब्रू अध्याय 1 का सारांश: हिब्रू लेखक शुरू में यीशु मसीह का अन्य सभी धर्मिक नेताओं से अधिकता को जोर देते हैं और उनकी भूमिका को परम उच्च पुरोहित के रूप में महत्वपूर्ण बताते हैं।
1 पूर्व युग में परमेश्वर ने पूर्वजों से थोड़ा-थोड़ा करके और भाँति-भाँति से भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बातें की,
2पर इन अन्तिम दिनों में हम से अपने पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उसने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उसने सारी सृष्टि भी रची है।
3वह उसकी महिमा का प्रकाश, और उसके तत्व की छाप है, और सब वस्तुओं को अपनी सामर्थ्य के वचन से संभालता है: वह पापों को धोकर ऊँचे स्थानों पर महामहिमन् के दाहिने जा बैठा।
4 और स्वर्गदूतों से उतना ही उत्तम ठहरा, जितना उसने उनसे बड़े पद का वारिस होकर उत्तम नाम पाया।
5 क्योंकि स्वर्गदूतों में से उसने कब किसी से कहा,
6 और जब पहलौठे को जगत में फिर लाता है, तो कहता है, “परमेश्वर के सब स्वर्गदूत उसे दण्डवत् करें।”
7और स्वर्गदूतों के विषय में यह कहता है,
8 परन्तु पुत्र के विषय में कहता है,
9तूने धार्मिकता से प्रेम और अधर्म से बैर रखा;
10और यह कि, “हे प्रभु, आदि में तूने पृथ्वी की नींव डाली,
11वे तो नाश हो जाएँगे; परन्तु तू बना रहेगा और
12और तू उन्हें चादर के समान लपेटेगा,
13 और स्वर्गदूतों में से उसने किस से कभी कहा,
14 क्या वे सब परमेश्वर की सेवा टहल करनेवाली आत्माएँ नहीं; जो उद्धार पानेवालों के लिये सेवा करने को भेजी जाती हैं?