भजन - Bhajan 61
भगवान में शरण पाना
प्रार्थना 61 में प्रार्थनाकर्ता के ह्रदय की तड़प व्यक्त की जाती है कि वह परमेश्वर में शरण पाना चाहता है। प्रार्थनाकर्ता कठिन परिस्थितियों में परमेश्वर की सहायता के लिए चिल्लाता है और अंततः परमेश्वर की हाजिरी में शांति और सुरक्षा प्राप्त करता है।
1हे परमेश्वर, मेरा चिल्लाना सुन,
2मूर्छा खाते समय मैं पृथ्वी की छोर से भी तुझे पुकारूँगा,
3क्योंकि तू मेरा शरणस्थान है,
4मैं तेरे तम्बू में युगानुयुग बना रहूँगा।
5क्योंकि हे परमेश्वर, तूने मेरी मन्नतें सुनीं,
6तू राजा की आयु को बहुत बढ़ाएगा;
7वह परमेश्वर के सम्मुख सदा बना रहेगा;
8इस प्रकार मैं सर्वदा तेरे नाम का भजन गा-गाकर