भजन - Bhajan 60

भगवान की विजय में शक्ति खोजें

प्रसंग: प्रार्थना गान 60 एक भगवान से विनती है उससे इस्राएल की शक्ति को जगाने और उन्हें अपने दुश्मनों पर विजय प्राप्त करने की स्वीकृति देने के लिए। दाऊद भगवान में विश्वास व्यक्त करते हैं और स्वीकार करते हैं कि बिना उसकी मदद के, उनके प्रयास व्यर्थ होंगे। प्रार्थना करते रहते हुए, वे याद दिलाते हैं कि उनके लिए भगवान वफादार हैं और उनकी प्रार्थनाओं का जवाब देंगे।

1हे परमेश्‍वर, तूने हमको त्याग दिया,

2तूने भूमि को कँपाया और फाड़ डाला है;

3तूने अपनी प्रजा को कठिन समय दिखाया;

4तूने अपने डरवैयों को झण्डा दिया है,

5तू अपने दाहिने हाथ से बचा, और हमारी सुन ले

6परमेश्‍वर पवित्रता के साथ बोला है, “मैं प्रफुल्लित हूँगा;

7गिलाद मेरा है; मनश्शे भी मेरा है;

8मोआब मेरे धोने का पात्र है;

9मुझे गढ़वाले नगर में कौन पहुँचाएगा?

10हे परमेश्‍वर, क्या तूने हमको त्याग नहीं दिया?

11शत्रु के विरुद्ध हमारी सहायता कर,

12परमेश्‍वर की सहायता से हम वीरता दिखाएँगे,