भजन - Bhajan 28

चिल्लाहट और विश्वास की मांग भगवान की सुरक्षा में

प्रस्तावना: प्रस्थान २८ में, दाऊद ईश्वर से मदद और अपने दुश्मनों से सुरक्षा के लिए पुकारते हैं। वे ईश्वर को अपना चट्टान और शरण मानते हैं, और उन्हें दुष्टता करने के लिए प्रार्थना करते हैं। दाऊद का अंतिम विश्वास ईश्वर की शक्ति, प्रेम और विश्वसनीयता में है।

1हे यहोवा, मैं तुझी को पुकारूँगा;

2जब मैं तेरी दुहाई दूँ,

3उन दुष्टों और अनर्थकारियों के संग मुझे न घसीट;

4उनके कामों के और उनकी करनी की बुराई

5क्योंकि वे यहोवा के मार्गों को

6यहोवा धन्य है;

7यहोवा मेरा बल और मेरी ढाल है;

8यहोवा अपने लोगों की सामर्थ्य है,

9हे यहोवा अपनी प्रजा का उद्धार कर,