भजन - Bhajan 108

भगवान की जीत पर विश्वास का गीत

प्रार्थना-गीत १०८ प्रशंसा और विश्वास का गाना है जिसमें भगवान द्वारा शत्रुओं पर विजय का आशीर्वाद है। प्रार्थक अपने स्थिर विश्वास का घोषणा करते हैं और कहते हैं कि भगवान की शक्ति के माध्यम से, वह अपने शत्रुओं पर विजयी होगा। यह प्रार्थना-गीत भी भगवान से उनके लोगों के प्रति उसकी कृपा और वफादारी का पुरजोर स्वर में निवेदन शामिल करता है।

1हे परमेश्‍वर, मेरा हृदय स्थिर है;

2हे सारंगी और वीणा जागो!

3हे यहोवा, मैं देश-देश के लोगों के मध्य में तेरा धन्यवाद करूँगा,

4क्योंकि तेरी करुणा आकाश से भी ऊँची है,

5हे परमेश्‍वर, तू स्वर्ग के ऊपर हो!

6इसलिए कि तेरे प्रिय छुड़ाए जाएँ,

7परमेश्‍वर ने अपनी पवित्रता में होकर कहा है,

8गिलाद मेरा है, मनश्शे भी मेरा है;

9मोआब मेरे धोने का पात्र है,

10मुझे गढ़वाले नगर में कौन पहुँचाएगा?

11हे परमेश्‍वर, क्या तूने हमको त्याग नहीं दिया?,

12शत्रुओं के विरुद्ध हमारी सहायता कर,

13परमेश्‍वर की सहायता से हम वीरता दिखाएँगे,