यशायाह 2
प्रभु के शासन की दृष्टि
इसाया अध्याय 2 में, यह भविष्यवाणी करते हुए महान नबी इसाया ने यह प्रकट किया है कि प्रभु अपने लोगों पर राज करेंगे। उन्होंने एक भविष्य देखा जहां राष्ट्र प्रभु के घर की पहाड़ी की ओर धावनी करेंगे और उसकी शिक्षाओं की खोज करेंगे। प्रभु राष्ट्रों के बीच न्याय करेंगे और हत्यारे को हल की बल प्लाउशेयर में बदल देंगे।
1 आमोत्स के पुत्र यशायाह का वचन, जो उसने यहूदा और यरूशलेम के विषय में दर्शन में पाया।
2अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा,
3और बहुत देशों के लोग आएँगे, और आपस में कहेंगे:
4वह जाति-जाति का न्याय करेगा, और देश-देश के लोगों के झगड़ों को मिटाएगा;
5हे याकूब के घराने, आ, हम यहोवा के प्रकाश में चलें।
6तूने अपनी प्रजा याकूब के घराने को त्याग दिया है,
7उनका देश चाँदी और सोने से भरपूर है, और उनके रखे हुए धन की सीमा नहीं;
8उनका देश मूरतों से भरा है;
9इससे मनुष्य झुकते, और बड़े मनुष्य नीचे किए गए है, इस कारण उनको क्षमा न कर!
10यहोवा के भय के कारण और उसके प्रताप के मारे चट्टान में घुस जा,
11क्योंकि आदमियों की घमण्ड भरी आँखें नीची की जाएँगी और मनुष्यों का घमण्ड दूर किया जाएगा;
12क्योंकि सेनाओं के यहोवा का दिन सब घमण्डियों
13और लबानोन के सब देवदारों पर जो ऊँचे और बड़े हैं;
14बाशान के सब बांज वृक्षों पर;
15सब ऊँचे गुम्मटों और सब दृढ़ शहरपनाहों पर;
16तर्शीश के सब जहाजों और सब सुन्दर चित्रकारी पर वह दिन आता है।
17मनुष्य का गर्व मिटाया जाएगा, और मनुष्यों का घमण्ड नीचा किया जाएगा;
18मूरतें सब की सब नष्ट हो जाएँगी।
19जब यहोवा पृथ्वी को कम्पित करने के लिये उठेगा,
20उस दिन लोग अपनी चाँदी-सोने की मूरतों को जिन्हें उन्होंने दण्डवत् करने के लिये बनाया था,
21और जब यहोवा पृथ्वी को कम्पित करने के लिये उठेगा
22इसलिए तुम मनुष्य से परे रहो जिसकी श्वास उसके नथनों में है,