जादोक II की कहानी

ज़ैदोक II एक धार्मिक व्यक्ति थे जो 10वीं सदी ईसा पूर्व में रहे। उनके पिता का नाम आहीतुब था, जो इस्राएल के उच्च पुरोहित थे, और उनके भाई का नाम आहीमाज था, जो भी एक पुरोहित थे। ज़ैदोक को राजा सुलेमान ने उच्च पुरोहित नियुक्त किया और उन्होंने अपने जीवन के शेष समय तक इस भूमिका में सेवा की। वे राजा के प्रति निष्ठा और यरूशलम के मंदिर के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते थे। ज़ैदोक जेरूसलम के मंदिर के निर्माण के लिए जिम्मेदार थे, और वे मंदिर में संधि के अर्क का स्थापना करने के लिए भी जिम्मेदार थे। उन्होंने लेवाइटों के संगठन के लिए भी जिम्मेदारी लेने का भी कार्य किया। उन्होंने पुरोहितों और लेवाइटों के संगठन के लिए भी जिम्मेदारी ली, और उन्होंने मंदिर की वित्तीय स्थिति के लिए भी जिम्मेदारी ली। ज़ैदोक को लोकप्रिय था उनकी राजा सुलेमान के प्रति निष्ठाओ और जेरूशलम के मंदिर के प्रति समर्पण के लिए। वे राजा के वफादार सेवक और मंदिर के भक्त सेवक थे। उनकी बुद्धिमत्ता और लोगों की मार्गदर्शन करने की क्षमता के लिए भी उन्हे जाना जाता था। वे प्राचीन समय में सम्मानित व्यक्ति थे और उनकी विरासत आज भी जिंदा है।
नाम का अर्थ
सही या न्यायमूर्ति
नाम की उत्पत्ति
हिब्रू
हेब्रू में
צדוק השני