सेराया की कहानी

सेरायाह एक धार्मिक व्यक्ति थे जो आजरायह के बेटे और यहोज़दक के भाई थे। राजा जेडेकियाह के राजकाल में वे यरूशलम के मंदिर के मुख्य पुरोहित थे। राजा ने उन्हें बाबिल में भेजकर बाबिल के राजा, नेबुकद्नेजर को संदेश पहुँचाने के लिए भेजा था। उन्हें मंदिर में जेरमाइह की पुस्तक पढ़ने की भी जिम्मेदारी थी। सेरायाह को यरूशलम के गिरावट में उनकी भूमिका के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है। उन्होंने जेरमाइह की पुस्तक को पढ़ा था, जो यह भविष्यवाणी कर रही थी कि यरूशलम की विनाश होगी। उन्हीं ने राजा जेडेकियाह का संदेश नेबुकद्नेजर को पहुँचाया था, जिससे यरूशलम का गिरावट का कारण बना। सेरायाह को मंदिर के पुनर्निर्माण में उनकी भूमिका के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने वह समूह संगठित किया था जो यरूशलम में मंदिर की पुनर्निर्माण के लिए वापस गए थे। उन्होंने मंदिर की पुनर्निर्माण के बाद मंदिर में सेवा करने वाले पुरोहितों के समूह का भी हिस्सा था। सेरायाह को भगवान के वफादार सेवक के रूप में याद किया जाता है जो उचित किया जाने जरूरी कार्यों को करने के लिए तैयार थे। वे भगवान के वफादार सेवक थे जो अपने प्राण की भी भावना के साथ बाबिल के राजा को संदेश पहुँचाने और मंदिर में जेरमाइह की पुस्तक पढ़ने के लिए तैयार थे। वे भगवान के वफादार सेवक थे जो यरूशलम लौटकर मंदिर की पुनर्निर्माण में मदद करने के लिए तैयार थे।
नाम का अर्थ
शेराया का अर्थ: शब्द "शेराया" यहूदी मूल का है और यह बाइबिल में पाया जाता है। यह "भगवान का शासक" या "यहवे का राजा" का अर्थ है। नाम का अर्थ है "सार," जिसका अर्थ है "राजकुमार" या "शासक," और "याह," "यहवे" के लिए हिब्रू नाम का छोटा रूप। बाइबिल में कई व्यक्ति शेराया के नाम से प्रसिद्ध हैं, जो धार्मिक संदर्भों में इसकी महत्वता को दिखाते हैं।
नाम की उत्पत्ति
हिब्रू
Role
इजराइह की पदस्थान: इस्राएल के मुख्य पुरोहित।
पहली बार उल्लेख
2 Samuel 8:17
बाइबल में उपस्थिति
18 उल्लेख
हेब्रू में
סראיה