प्रिस्सिला की कहानी

प्रिसिला नये नियम पुस्तक में एक प्रमुख आवाज़ थीं। वह एक यहूदी ईसाई महिला थीं जो पहले सदी में जीते थे। उनकी पति अक्विला, एक तकिया बनाने वाले थे, और मिलकर वे क्रिस्चियत्व के पहले प्रेरिता थे। प्रिसिला और अक्विला की मेहमान नवाज़ी और संदेश फैलाने की तैयारी के लिए प्रशंसा की गई थी। प्रिसिला और अक्विला मूल रूप से रोम से थे, लेकिन प्रताड़ना के कारण कोरिंथ भाग आना पड़ा। यह कोरिंथ में ही उन्हें अपोस्टल पौल से मिला और उनके करीबी दोस्त और संगठन के सहकर्मी बन गए। प्रिसिला और अक्विला ने पौल को क्षेत्र में संदेश फैलाने में मदद की। प्रिसिला और अक्विला को उनके शिक्षा देने के लिए भी जाना जाता था। उन्होंने अपोल्लो को ज्यों कि परमेश्वर का मार्ग सही ढंग से सिखाया। प्रिसिला और अक्विला ने गहराई से मिलकर एफेसस में अपने घर में एक चर्च का आयोजन किया। प्रिसिला अपने उरूज में चर्च और संदेश फैलाने के लिए मदद करने के लिए प्रसिद्ध हैं। वह एक शक्तिशाली क्रिस्चियन महिला की मिसाल हैं जिन्होंने जोखिम उठाए और परमेश्वर की सेवा की। प्रिसिला सभी क्रिस्चियनों के लिए निष्ठा और साहस की मिसाल हैं।
नाम का अर्थ
प्रिस्किला का हिंदी में अर्थ: प्रिस्किला नाम लैटिन मूल का है और इसका अर्थ "प्राचीन" या "पूज्य" है। यह रोमन परिवारी नाम "प्रिस्कस" से इसे प्राप्त हुआ है, जिसका अर्थ है पुराना, सम्मानित या मान्य होना। बाइबिल की नयी शिल्प में, प्रिस्किला (जिसे प्रिस्का भी कहा जाता है) एक प्रमुख पहली-पीढ़ी क्रिश्चियन आव्यक्ति थीं, जिन्हें अक्विला उसके पति के साथ, अपोस्तल पौल के निकट अनुयाई के रूप में अक्सर उल्लेखा किया गया है। इस धार्मिक संबंध ने इस नाम की समग्र सभ्यताओं में स्थायी लोकप्रियता में योगदान किया है।
नाम की उत्पत्ति
लैटिन
पहली बार उल्लेख
The Acts of the Apostles 18:2
बाइबल में उपस्थिति
5 उल्लेख
हेब्रू में
פריסילה