मेशाक की कहानी

मेशाक को दानिय्येल की पुस्तक में उल्लिखित एक बाइबिलीय व्यक्ति माना जाता था। वह उन तीन युवकों में से एक था जिन्हें यहूदा के राज्य से गिरफ्तार करके बाबिलोन ले जाया गया था। वह शद्राक के बेटे और अबेद्नेगो के भाई थे। उनको वह स्वर्णिम प्रतिमा के सामने झुकने से इनकार करने के लिए जाना जाता था। राजा ने एक तदनुसार घोषणा की थी कि सभी लोगों को प्रतिमा के सामने झुक जाना चाहिए, लेकिन मेशाक, शद्राक और अबेद्नेगो ने इसे इनकार किया। राजा ने धमकी दी कि अगर वे इसे मान नहीं लेते तो वे उन्हें ज्वालामुखी में फेंक देगा, लेकिन वे फिर भी इनकार कर दिया। राजा ने उनकी साहसमय सी देखकर उन्हें अनुहात की दी कि उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। मेशाक अपने धर्म और वीरता के लिए याद किया जाता है। वह एक उदाहरण है कि भय से भी विश्वास बलवान हो सकता है। उसको भगवान के प्रति वफादारी और उसकी जो कुछ भी मानता था उसके लिए खड़े होने की तैयारी के लिए याद किया जाता है। वह एक उदाहरण है कि एक व्यक्ति किसी भी समस्या के सामने दुनिया में अंतर कर सकता है।
नाम का अर्थ
मीशेल - यह नाम क्या भगवान है? का सार्थक है।
नाम की उत्पत्ति
हिब्रू
Role
सेवक
पहली बार उल्लेख
Daniel 1:7
बाइबल में उपस्थिति
14 उल्लेख
हेब्रू में
משך