अन्ना की कहानी

अन्ना एक बाइबल में प्रेरका थीं, जिन्हें लूक की इंजील में उल्लेख किया गया था। वह फनूएल की बेटी थीं, आशेर की जाति की थीं, और 84 वर्ष की विधवा थीं। वह भगवान की भक्ति में निरंतर थीं और जब जीसस को प्रभु के सामने पेश किया गया तो मंदिर में मौजूद थीं। अन्ना भगवान की भक्ति में निरंतर रहने वाली थीं और उनकी नित्य प्रार्थना और उपवास से प्रसिद्ध थीं। वह एक प्रेरणादायिनी थीं और उन्होंने जीसस के बारे में वहाँ सभी को बताया जिन्होंने इस्राएल के पुनरुत्थान की कामना की थी। अन्ना ने मंदिर में जीसस के प्रस्तावना में गवाही दी थी और वे पहले मसीह के रूप में मान्य करने वाली थीं। अन्ना इस्राएल के लोगों के लिए विश्वास और आशा का प्रतीक थीं। वे याद दिलाती थीं कि भगवान अब भी उनके साथ थे और उनको नहीं भूले हुए थे। वे भगवान के प्रति वफादारी और समर्पण के प्रतीक थीं और एक उदाहरण थीं कि विश्वास और आज्ञा के जीवन कैसे जीना है। अन्ना को उनकी वफादारी और भगवान के प्रति समर्पण के लिए सर्वश्रेष्ठ जाना जाता है। वह इस्राएल के लोगों के लिए आशा और विश्वास का प्रतीक थीं और यह याद दिलाती थीं कि भगवान अब भी उनके साथ थे। वे जीसस के प्रस्तावना में गवाही देती थीं और वे पहले मसीह के रूप में मान्य करने वाली थीं। उनकी भगवान के प्रति वफादारी और समर्पण एक सभी विश्वासियों के लिए उदाहरण है।
नाम का अर्थ
कृपा या आशीर्वाद
नाम की उत्पत्ति
हिब्रू
पहली बार उल्लेख
Exodus 16:15
बाइबल में उपस्थिति
48 उल्लेख
हेब्रू में
אנה